मैं जब भी बेलन की बुराई के बारे में सुनती हूँ तो मुझे कुछ अच्छा सा नहीं लगता ..क्या ये सचमुच हथियार है ,मैं तो नहीं मानती की जिस वस्तु से इतनी चीज़ें बन सकती है उसका हथियार के रूप मैं भी प्रयोग भी हो सकता है ....आगे कुछ बात करूँ ,पहले दो घटनाओं का जिक्र करना चाहती हूँ ...........
कुछ 15-16 साल पहले की बात है ,मेरी एक सहेली कहीं घूमने गयी तो हम कई सहेलियों के लिए बेलन लेकर आयी ,क्यूँ कि जहाँ वह गयी थी वहां लकड़ी का काम बहुत मशहूर था ,तो उसे और कुछ नहीं सूझा तो वह बेलन ही ले आयी .........यह देख मेरे पति मेरी सहेली को मजाक में कहने लगे कि "आपको तो टाडा में गिरफ्तार करवाना पड़ेगा ,कितने खतरनाक हथियार सप्लाई किये है आपने "......बात ऐसे हंसी की थी तो हंसी में ही उड़ गयी ........
दूसरी घटना पहली से 4-5 साल बाद की है .मेरी माँ ने एक बार पापड़ बनाने के बेलन, मेरे लिए और मेरी बहन के लिए मायके से भिजवाये तो मैं उनको बैग से निकाल कर रख रही थी कि कितने है और कैसे है ....दोनों बहनों के मिला कर पूरे बारह थे .........यह देख पति देव को फिर से चुहल सूझ गयी और हाथ जोड़ कर बोले ---"देवी में तो तुम्हारे साथ अच्छे से ही रहता हूँ ,तो तुम्हारी माँ ने ये हथियार क्यूँ सप्लाई किये है ,क्या महा समर का इरादा है उनका ?".........उनकी ये बात मुझे अच्छी तो नहीं लगी पर कुछ बोली भी नहीं .............!
मैं यह पूछना चाहती हूँ क्या कोई महिला बेलन मार भी सकती है क्या ,........क्यूँ कि मैंने तो आज तक कभी किसी महिला को बेलन से मारते नहीं देखा ,.........
जैसे एक कारीगर या कलाकार के लिए उसके औजार होते है ,मैं वैसे ही बेलन को कलाकृति बनाने का साधन मानती हूँ ,जिससे हम महिलाएं कई तरह कि चीज़ें बना कर अपने प्रिय परिवार -जन का पेट भरती है ,
Bahut hi Sunder....
जवाब देंहटाएंLikhne ka tarika bhi Ati Uttam
or topic bhi Pyara....
Bahut hi man ko achha laga pad kar
aap sach me Badhayi ki pater hain Upasna sakhi
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ..........
हटाएंBahut hi Achha likha sakhi
जवाब देंहटाएंLikhne ka tarika bhi badia or topic bhi...Badhai,,,
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ........)
हटाएंsakhi bahut aachha likha hai apne.........
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया श्वेता जी
हटाएंbahut sundar sakhi
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया श्वेता जी
हटाएंऐसे तो स्त्री के पास सब से खतरनक् हथियार चाकू है..पर उसके लिए कोई कुछ नहीं कहता ..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया पूर्णिमा जी ............,सही कहा आपने ,पर बेलन की बात ही और कुछ है .....
जवाब देंहटाएंदरअसल बेलन पर अब तक जो भी बातें कही गई हैं, वह व्यंग्यात्मक हैं. भारतीय स्त्री को अबला माना गया है. ले-देकर भारतीय स्त्री के पास एकमात्र हथियार बेलन की कल्पना की गई है. वैसे, सिल-बट्टा या पटा की भी कल्पना की जा सकती थी, मगर फिर नारी अबला कैसे रहती!
जवाब देंहटाएंहा हा ये भी सही है ,इस पर भी विचार किया जायगा और लगता है अब सिल -बट्टा ही एक विकल्प रह जायेगा ...................
जवाब देंहटाएंबहुत -बहुत शुक्रिया आपका .........