मेरा बेटा प्रधुमन शरारती और नटखट ,बिलकुल कान्हा जैसा ,15 साल का हो गया है फिर भी शरारतें कम नहीं होती .
पिछले बुधवार को मुझ से कहने लगा कि मैं कार चला रहा हूँ और जल्दी से बाहर भागा ...और कार स्टार्ट कर ली ,सुन
कर मैंने दीवार के उपर से ही आवाज़ दी अरे रुको ....पर वो नहीं रुका ...मैं भाग कर बाहर कि तरफ भागी वो जा चूका था ;बाहर जा कर देखा तो अरुंधती और मोनिका हंस रही थी कि प्रधुमन कार ले कर चला गया ,पहले वो दोनों भी बैठने वाले थे पर ऊनको शर्म आ गयीकि एक बच्चा ही कार चला रहा है ओर बच्चे ही बैठे है .पर कार मे दीपू और अम्बरीश भी बैठे है ;मेरी घबराहट के मारेजान निकली जा रही थी और मैं वहीँ दरवाज़े के बाहर बैठ गयी .....और सोचने लगी कि अगर कहीं कार किसी से टकरा गयी तो ....किसी को टक्कर ही मार दी तो ...ना जाने कितने "तो "........मेरे दिमाग मे चक्कर लगा रहे थे .....
१० मिनिट बाद अरुंधती बोली कि "बड़ी मम्मी " वो आ रहा है .मैं भागी पर वो तो सररर ....से निकल गया ;मेरे चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी ....इतने मे वो दूसरी तरफ से आता दिखा .....मेरी जान में जान आयी... .
यह १० मिनिट कैसे निकले यह मैं ही जानती हूँ ....कितने ही गायत्री मंत्र -- महा मर्त्युन्जय मन्त्रों का जाप कर दिया........अगर वो थोड़ी देर और नहीं आता तो मैं १६ सोमवार के व्रत भी बोल देती ..
हाँ तो ......उसने कार पास ला कर रोकी और उतर कर मेरा पास आया .
मुझे लग रहा था कि वो कार से नहीं हवाई -जहाज से उतर कर आया है मुझे बहुत ख़ुशी और राहत महसूस हो रही थी पर मैंने प्रकट नहीं कि बल्कि उसे डांट ही लगाईं .
पर उसे कोई फर्क नहीं...चेहरे पर वही शरारती मुस्कान .......आगे बढ़ कर गले लग गया और बोला मन ही मन तो बड़े खुश हो रहे हो ना ,आपका बेटा कार चलाना सीख गया ,शाम को कहने लगा कि मुझे प्रधान -मंत्री का फ़ोन नंबर चाहिए .पूछने पर बोला कि मैं उनसे कहूँगा "ड्राइविंग -लाइसेंस कि उम्र 16 साल कर देनी चाहिए ,अब मैं मैं 16 साल का हो जाऊंगा और मुझे कार चलानी आगई है" .....मेरे पास कोई जवाब नही था....
मुझे क्या कहना चाहिए था ?