tag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post658592613084812988..comments2023-11-05T00:56:10.738-07:00Comments on नयी दुनिया+: पालन का भाव पिता ही में आता है .........nayee duniahttp://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-29016428183421130022014-06-15T08:50:14.179-07:002014-06-15T08:50:14.179-07:00कितना कठिन होता है ...माँ ...पिता ..के बारे मे लिख...कितना कठिन होता है ...माँ ...पिता ..के बारे मे लिखना .....सच्च ....ऐसा ही तो होता है ...हम सभी के जीवन मे ...छोटी छोटी बातों को महत्व देते हुए ...माँ ..पिता की पूरा जीवन संवार देते हैं .....और हमारे पास .....क्या है ...आदर पूर्वक उन्हे दो शब्द कह सकें .......प्रणाम ...तुम्हे बारम्बार प्रणाम ....Manju Dikshithttps://www.blogger.com/profile/18402296295035861428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-38895563571120212332013-06-17T06:26:02.381-07:002013-06-17T06:26:02.381-07:00heart touching ...i like it heart touching ...i like it Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13371918517618857687noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-57892449963416450712013-06-16T00:13:58.355-07:002013-06-16T00:13:58.355-07:00सच कहा है आपने ... क्योंकि आदमी पे लेबल लग जाता है...सच कहा है आपने ... क्योंकि आदमी पे लेबल लग जाता है की वो कठोर होता है ... मजबूत होता है इसलिए अपने भाव आसानी से दिखाता नहीं ... पर प्यार तो माँ जितना ही करता है अपने बच्चों से ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-5815960382649297992013-06-15T23:54:29.078-07:002013-06-15T23:54:29.078-07:00बहुत बढ़िया sir बहुत बढ़िया sir Guzarishhttps://www.blogger.com/profile/11205127840621066197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-6113567566274395622013-06-15T22:44:27.933-07:002013-06-15T22:44:27.933-07:00.बहुत सुन्दर अनुभूति की अभिव्यक्ति!
latest post प....बहुत सुन्दर अनुभूति की अभिव्यक्ति!<br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/06/blog-post_16.html#links" rel="nofollow"> पिता</a><br />LATEST POST<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/06/blog-post_8.html#links" rel="nofollow"> जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-10978584834014072372013-06-15T21:29:59.578-07:002013-06-15T21:29:59.578-07:00. बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति .आभार . मगर.... बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति .आभार <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">. मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी . </a> आप भी जानें <a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow">संपत्ति का अधिकार -४.</a>नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें <a href="http://woman-man2.blogspot.com" rel="nofollow">WOMAN ABOUT MAN "झुका दूं शीश अपना"</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-27413104102746914742013-06-15T06:51:28.028-07:002013-06-15T06:51:28.028-07:00बहुत ही सुन्दर भाव और आपने बिल्कुल सही बात कही है ...बहुत ही सुन्दर भाव और आपने बिल्कुल सही बात कही है Bhagat Singh Beniwalhttps://www.blogger.com/profile/15605831763111876909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-40081644419115527402013-06-15T05:55:00.002-07:002013-06-15T05:55:00.002-07:00जी हाँ उपासना जी आपने बिलकुल सही आकलन किया है ! म...जी हाँ उपासना जी आपने बिलकुल सही आकलन किया है ! माँ जहाँ बच्चों की भावनात्मक ज़रूरतों का संबल होती है वहीं पिता उसकी व्यावहारिक समस्याओं के प्रति सतर्क व सचेत होते हैं और यथासंभव उन्हें पहले ही दूर करने के लिये प्रयत्नशील होते हैं ! बच्चों के लालन पालन में पिता की भूमिका माँ से कहीं अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है क्योंकि स्नेह के साथ साथ बच्चों के साथ पिता के संबंधों में अनुशासन, भय और एक व्यावहारिकतापूर्ण दूरी का भी कुछ अंश निहित होता है ! सुंदर संस्मरण ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-66118541827503165802013-06-15T04:55:41.016-07:002013-06-15T04:55:41.016-07:00वाकई.......उपासना जी पिता ऐसे ही होते हैं जो माँ क...वाकई.......उपासना जी पिता ऐसे ही होते हैं जो माँ की तरह अपना प्यार हर वक़्त दिखा तो नही सकते लेकिन महसूस जरूर करवा सकते हैं, ये मुझे भी अब अहसास होता है जब हम खुद पिता की भूमिका में आ गये हैं , पहले मुझे भी अपने पिताजी बड़े कठोर दिल लगते थे, लेकिन उनका ये सख्त मिज़ाज आज मालूम होता है .........बहुत ही सुन्दर जी ....!!दीप थपलियालhttps://www.blogger.com/profile/13655619871888275060noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-63596356203092252092013-06-15T04:33:33.316-07:002013-06-15T04:33:33.316-07:00हम सबके के लिए माँ ही सब कुछ और पिता के प्यार को अ...हम सबके के लिए माँ ही सब कुछ और पिता के प्यार को अनदेखा कर देते है ...पिता के लिए उन्हें याद करते हुए लिखना .....बहुत अच्छा लगा ...बहुत उम्दा Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.com