tag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post128741549322917850..comments2023-11-05T00:56:10.738-07:00Comments on नयी दुनिया+: नसीब ..nayee duniahttp://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-49885188922789661412013-05-08T01:13:58.479-07:002013-05-08T01:13:58.479-07:00बहुत ही मार्मिक रचाना तभी तो कहते है नसीब अपना अप...बहुत ही मार्मिक रचाना तभी तो कहते है नसीब अपना अपना विनोद सैनीhttps://www.blogger.com/profile/18177623002384744066noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-62253249150516473352013-05-08T01:13:34.510-07:002013-05-08T01:13:34.510-07:00बहुत ही मार्मिक रचाना तभी तो कहते है कि नसीब अपना ...बहुत ही मार्मिक रचाना तभी तो कहते है कि नसीब अपना अपना विनोद सैनीhttps://www.blogger.com/profile/18177623002384744066noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-14922097094031421082013-05-05T22:50:16.154-07:002013-05-05T22:50:16.154-07:00बांका, श्रेष्ठ, उत्कृष्ट, अलबेला, अति उत्तम लेख बध...बांका, श्रेष्ठ, उत्कृष्ट, अलबेला, अति उत्तम लेख बधाई हो<br />हिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये इसे एक बार अवश्य देखें,<br />लेख पसंद आने पर टिप्प्णी द्वारा अपनी बहुमूल्य राय से अवगत करायें, अनुसरण कर सहयोग भी प्रदान करें <br /><a href="http://hathrascomputers.blogspot.in/" rel="nofollow"> MY BIG GUIDE </a><br />अभिमन्यु भारद्वाज https://www.blogger.com/profile/14479888707176451828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-59196647130344866442013-05-03T20:47:33.418-07:002013-05-03T20:47:33.418-07:00बहुत ही मार्मिक कहानी की रचना,आभार.बहुत ही मार्मिक कहानी की रचना,आभार.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-561126837261068939.post-92172957583111281692013-05-02T22:43:37.318-07:002013-05-02T22:43:37.318-07:00सामाजिक परिवर्तन की ओर संकेत करती कहानी। कोई वेश्य...सामाजिक परिवर्तन की ओर संकेत करती कहानी। कोई वेश्या तो बनना चाहता नहीं, जोरजबरदस्ती उसे बनाया जाता है पर ध्यान रहे जब मौका मिलता है तो इसी जिंदगी को नकारा भी जा सकता है। शरीर विक्रय कर भौतिक सुविधा की लत न लगे तो एक बेहतर जिंदगी में दुबारा वापसी होने की संभावनाएं बढ जाती है।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.com